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समाज का चयन

समाज सेवा करने के लिए समाज के चयन के आधार

के द्वारा फिल बार्टले, पीएच.डी.

अनुवाद आरज़ू बहारानी


गर्ट लुडेकिंग को समर्पित

प्रकार

समाज सेवा के लिए सबसे उचित समाज कौन से हैं?

परिचय:

कभी कभी तुम्हे समाज का चयन खुद करना पड़ेगा और कभी कभी कोई और तुम्हारे लिए समाज का चयन करेगा. अगर चयन में तुम्हारी राय की ज़रूरत हो तो यह लेख तुम्हारा मार्गदर्शक होगा. ये विचार-विमर्श समाज सेवकों और उनके संचालकों के लिए हैं.

चयन के अवसर के प्रकार:

समाज के चयन के काई तरीके हो सकते हैं.शायद तुम किसी "एन जी ओ' या ऐसे प्रॉजेक्ट के लिए काम कर रहे हो जिसने किस समाज में काम शुरू करना है उसका चयन पहले से ही कर लिया हो. शायद तुम एक सरकारी (क्षेत्रीय, प्रांतीय, ज़िला) नियोजन प्रक्रिया का हिस्सा हो, जिसने यह तय कर लिया है की किस समाज में सेवा होगी.

ज़्यादातर, बड़ी ग्रामीण पानी परियोजिनायोन में "डी आर ए" (मांग प्रतिक्रिया दृष्टिकोण) का उपयोग होता है.कभी कभी इसका मतलब ये होता है की एक सार्वजनिक घोषणा की जाती है की यदि कोई समाज बताए गये मापदंड पर खरे उतरें तो उनकी पानी और स्वछ्ता के मामलों में मदद की जाएगी. ऐसी सहयता मिलने के लिए समाज के चयन के बाद ही वहाँ समाज सेवक भेजे जाएँगे.

शायद तुम्हे एक फ़ॉर्मूला दिया जाए, जैसे की क्षेत्रीय राजधानी के सबसे करीब वाले गांव, या फिर तय किए गये माप से बड़े समाज, और तुम्हे हर समाज का चयन एक के बाद एक माप या दूरी के हिसाब से करना है. ऐसे बिना आधार वाले मापदंड का मतलब है की, किस समाज का चयन पहले हो, किसका बाद में, इस फ़ैसले में तुम्हारा कोई मत नही है (समाज सेवा के सिद्धांतों पर आधारित).

अगर चयन में तुम्हारा मत हो तो उस मत के कयी प्रकार हो सकते हैं. हो सकता है की तुम किसी क्षेत्र (जैसे की जिला) के प्रबंधक या समन्वयक हो, और तुम उस क्षेत्रा में आने वाले समाजों का चयन कर सकते हो और वहाँ अनेक समाज सेवक भेज सकते हो. या फिर तुम किसी एक क्षेत्रा के समाज सेवक हो, और तुम उस क्षेत्रा के अंदर आने वाले समाजों का चयन कर सकते हो. ऐसे मौकों पर तुम, इस वेबसाइट में बताए गये सशक्तिकरण के सिद्धांतों का उपयोग करके, ये फ़ैसला कर सकते हो की किस समाज का चयन हो, या किस क्रम में हो, या फिर किस समय सीमा में होना चाहिए.

अगर तुम समाज सेवक हो जिसके पास ऐसे विकल्प हैं तो ये डॉक्युमेंट तुम्हे फ़ैसले करने में मदद करेगा. अगर तुम समाज सेवक के मॅनेजर हो तो अपने समाज सेवक / सेवकों के साथ अच्छी तरह विचार विमर्श करो (भागीदारी संचालन), ताकि उनकी सहमति के साथ समाज का चयन और उनमे समाज सेवा के आरंभ का समय निर्धारित हो. अगर तुम स्वैच्छिक या स्वतंतरा कार्यकर्ता हो तो तुम काई मापदंड इस्तेमाल कर सकते हो पर जो यहाँ बताए गये हैं, वो भी फ़ैसले लेने में तुम्हारी मदद कर सकते हैं.

किसी समाज का चयन क्यों हो?

इन दो मूल बातों के आधार पर तुम्हे समाज का चयन करना चाहिए: 1.) ज़रूरत 2.) सफलता की संभावना.

अक आदर्श संसार में शायद हर समाज में समाज सेवा की प्रतिक्रिया एक समान होती और समाज का चयन बहुत आसान होता.सबसे ग़रीब समाज, सबसे कम क्षमता और शक्ति वाले समाजों में सबसे पहले समाज सेवा का काम आरंभ होना चाहिए. लेकिन हम आदर्श दुनिया में नही रहते हैं. एक समाज के चयनित नहीं होने के काई कारण हो सकते हैं, अगर संभावना है की प्रतिक्रिया ना हो, या समाज सेवा के सभी प्रयास बर्बाद हो रहे हैं.

सफलता की संभावना एक ज़रूरत हे नही बल्कि अक अहम आधार है.सफलता से समाज सेवा को प्रोत्साहन मिलता है.अगर किसी समाज में समाज सेवा का प्रयास किया जाय और यह प्रयास असफल हो, तो उन साधनों (समाज सेवकों की तनख़्वाह, समय, ऊर्जा) का नुकसान होगा.

कुल मिलाकर, हम ताकत पर, निर्माण कर सकते हैं और सफलता ताकत बनाती है.

सफलता को प्रभावित करने वाले कारण:

जब तुम्हारे सामने, किस समाज में समाज सेवक भेजे जाने चाहिए, उन समाजों के चयन का मसला हो तो तुम्हे उन समाजों के बारे में कुछ जानकारी चाहिए होगी. कुछ जानकारी ये भविष्यवाणी करने में अहम होगी, की कहाँ समाज सेवा के प्रयास ज़्यादा सफल होंगे.

क्या किसी समाज में कोई अहम ज़रूरत या समस्या है? अगर है तो क्या वह केंद्र-बिंदु बन सकती है? अगर समाज में रहने वाले यह मानते हैं की उनके सामने कोई समस्या है तो ये समाज सेवा की शुरुआती सफलता का आधार बन सकता है.

क्या पहले कभी समाज सेवा, आत्म समाज सेवा में सफलता प्राप्त हुई है? ध्यान दें की हमने 'सफलता' शब्द का उपयोग किया है.पहले हुई समाज सेवा कोई संपत्ती नही है और अगर समाज में रहने वाले उसे सफल नही मानते तो शायद बाधा भी डाल सकती है.

हमने 'आत्म समाज सेवा' शब्दों का भी उपयोग किया है. अगर किसी समाज में बाहरी मदद के बिना ही कुछ समाज सेवा हुई है, तो वह उस समाज की संपत्ति है और एक अच्छा समाज सेवक इस बात का सही तरीके से फ़ायडा उठा सकता है.

स्थानीय अधिकारियों (नेता, अफ़सर) केक्या दृष्टिकोण हैं? क्या वे राज़ी, सहानुभूतिपूर्ण, ज्ञानपूर्ण हैं? स्थानीय नेता और अफ़सर समाज के सशक्तिकरण में कभी कभी ही सहायक होते हैं, क्योंकि ज़्यादातर वे बाहरी संशाधान की खोज में लगे रहते हैं; बिना ये सोचे की इस अधीनता से कितना ख़तरा हो सकता है. अगर वे तुम्हारे सशक्तिकरण के तरीकों को सुनने के लिए राज़ी हों, और समझ जायें की इससे भविष्य में उन्हे ( और उनकी राजनीतिक आकांक्षाओं को ) लाभ ही होगा, तब वो शायद सहायक बनें. ( देखें राजनेता). तुम्हारी मुख्य चिंता है की वे तुम्हारे काम में बाधा नही डालें.उनके राज़ी या निष्क्रिया रूप से ही राज़ी हुए बिना समाज सेवा पर नष्ट होने का ख़तरा है.

समाज से और समाज तक यातायात और संचार व्यवस्था की क्या स्थिति है? समाज तक पहुचना साल भर मुमकिन है? क्या सभी मौसम के लिए सड़कें हैं? साल के कुछ भागों में बारिश और बाढ़ (ट्रॉपिकल देशों में) के कारण या फिर बर्फ (जो समाज आर्कटिक में या उसके पास हैं) के कारण समाज तक ताहुँचना नामुमकिन हो सकता है. इस वजह से समाज सेवा में रुकावट आ सकती है. क्या साल भर चलने वाले टेलीफ़ोन हैं? अगर सड़क बंद भी हो तो टेलीफ़ोने समाज सेवा में सहायक हो सकते हैं. जब जब समाज तक पहुँचना नामुमकिन हो, इंटरनेट या सिर्फ़ ईमेल सुविधा भी सहायक हो सकती है .

क्या सामाजिक संगठन स्वयं सहायता के लिए अच्छा है? यहाँ पर समाजशास्त्री होना ज़रूरी है. तुम और तुम्हारे समाज सेवक केवल सामाजिक खोज करने के काबिल ही नही बल्कि उन तत्वों को सामाजिक स्वरूप से देखने योग्य भी होने चाहिए. (देखें संस्कृति यह जानने के लिए की कैसे एक समाज की प्राकृती उसमें रहने वाले लोगो तक पहुँचती है.). यह मॉड्यूल देखें सामाजिक खोज. समाज सेवकों द्वारा एकत्र किए गये डेटा को संगठित करके एक मॅनेज्मेंट इन्फर्मेशन सिस्टम (एम आई एस) में दर्ज करना पड़ता है जो ज़रूरत पड़ने पर आसानी और जल्दी से प्राप्त हो सकता है. यह जानकारी ये तय करने के लिए ज़रूरी है की कौनसा समाज, समाज सेवा की सफलता के लिए बेहतर है. तुम्हारे समाज सेवक किस प्रकार से रेकॉर्ड रखते हैं, और किस तरह वे आधारभूत और निरंतर रिसर्च का अच्ययन कैसे करते हैं, यह बहुत ही महत्वपूर्ण है.

क्या ऐसे नेता हैं जो की समाज सेवा और सशक्तिकरण की कार्यवाही चला सकते हैं?क्या उनकी पहचान हो सकती है? क्या उनको ज़रूरी बातें सिखाई जा सकती हैं? क्या वे सशक्तिकरण की कार्यवाही में साथ देंगे?

समाज कितना बड़ा है? क्या वह आत्म मदद की कार्यवाही के लिए बहुत छोटा है? क्या वह संयोजित करने के लिए ज़्यादा बड़ा है?

क्या समाज में किसी प्रकार की लड़ाई है? यह झगड़ा कितना बड़ा है? क्या वहाँ एकता आयोजन की संभावना है जिससे की गुटों का मिलाप हो सके? क्या समाज में हिंसा है? क्या सड़कों पर अलग अलग गिरोह लड़ाई करते दिखते हैं? क्या वहाँ जातीय ( और भाषा, और धार्मिक ) सहनशीलता है? हालाकी एकता का अभाव तो एक सच है, क्या समाज सेवा से उसे कम करने की संभावना है? क्या उस समाज पर एकता के आयोजन का असर होगा? ये जवाब देने के लिए तुम्हे कुछ समाजशास्त्रिया छान बिन करनी होगी.

ये सारे सवाल समाज की स्थिति के बारे में हैं, जिनके जवाब तुम्हे ये तय करने में बेहतर बनाएँगे की समाज सेवा के प्रयास सफल होंगे या नहीं. समाज सेवा के लिए ऐसे समाज को पहले चुनो जिसमें समाज सेवा के सफल होने के ज़्यादा आसार हैं, और जो अपने पैरों पर खड़े होने के काबिल हो.

निष्कर्ष:

समाज सेवा के लिए समाज के चयन में दो सबसे ज़रूरी बातें हैं, ज़रूरत (सबसे ग़रीब सबसे पहले) और सफलता की संभावना.

अगर तुम पर अनेक समाजों की ज़िम्मेदारी है तो उन सब में दोनो बातें होनी चाहिए.

अगर तुमको अनेक समाजों(किसे एक क्षेत्र के) में से चुनना है तो, ऐसे समाज चुनो जिनमे समाज सेवा की सबसे ज़्यादा ज़रूरत हो, और जिनमे समाज सेवा के सफल होने के आसार भी ज़्यादा हों.

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एक खाई की खुदाई:


समुदाय योगदान: एक खाई की खुदाई

© कॉपीराइट १९६७, १९८७, २००७ फिल बार्टले
वेबडिजाईनर लुर्ड्स सदा
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आखरी अपडेट: २०.०७.२०११

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